सनातन धर्म की मान्यता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत उसकी अस्थियों को चिता से समेटकर गंगा में विसर्जित करने से मरने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होगी है। पितरों की भटकती आत्मा को भौतिकवादी संसार से मुक्ति मिलती है। वह ईश्वर के चरणों में विलीन हो जाती है।